PSOS हार्मोनल प्रॉब्लम है, वजन घटाएं तो मिलेगी राहत

पीसीओएस में मददगार है वजन को नियंत्रित रखना
पा लीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) महिलाओं में होने वाला एक ऐसी हार्मोनल समस्या है जो महिलाओं के एक बड़ी जनसंख्या में आ जाती है. इससे मासिक धर्म की अनियमितता, चेहरे पर बालों का बढ़ना और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं होना आम बात है. इस समस्या का मुख्य कारण शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध और हार्मोनल असंतुलन को माना जाता है. पीसीओएस की समस्या से निपटने के लिए सबसे कारगर उपाय वजन को काबू में रखने को माना जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए अपने कुल वजन का केवल पांच प्रतिशत तक घटाना ही सकारात्मक परिणाम दिखा सकता है. वजन में कमी से शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध कम होता है और हार्मोनल संतुलन सुधारने में मदद मिलती है.
यह मासिक धर्म चक्र को नियमित करने, त्वचा की समस्याओं को कम करने और गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने में भी सहायक है. इसके अलावा, वजन कम करने से दिल से संबंधित बीमारियों और टाइप 2 डायबिटीज जैसी जटिलताओं से बचा जा सकता है. इसके लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है. पहले के जमाने में महिलाओं की दिनचर्या बहुत ही सक्रिय होती थी, जिसमें शारीरिक श्रम का बड़ा योगदान था. घर के काम, खेतों में काम करना और शारीरिक गतिविधियों के चलते उनका वजन नियंत्रित रहता था. इसके अलावा प्राकृतिक और पौष्टिक आहार, जैसे सब्जियां, फल, दालें और मोटे अनाज का सेवन, हामर्मोनल संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है. इसीलिए सलाह यह दी जाती है कि महिलाओं को अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियों को जरुर शामिल करना चाहिए.