Tobacco से दूर होने में मदद करते हैं ये रिप्लेसमेंट
तंबाकू छोड़ने में कारगर है निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी
तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले तो इस आदत के चलते बाद में स्वास्थ्य को लेकर परेशान होते ही हैं लेकिन उनके पास रहने वाले लोगों के लिए भी तंबाकू करने वाले बड़ा खतरा खड़ा करते हैं. सिगरेट का धुआं जितना सिगरेट पीने वाले को नुकसान करता है लगभग उसी अनुपात में इसके धुएं के संपर्क में मौजूद लोगों को भी नुकसान पहुंचाता है. तंबाकू से हर साल 80 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है, जिसमें लगभग सवा लाख लोग ऐसे हैं जो मारे तो तंबाकू के चलते जाते हैं लेकिन ये सीधे धूम्रपान या तंबाकू का इस्तेमाल नहीं करते. ऐसे लोग जो बिना तंबाकू का इस्तेमाल किए ही इसके दुष्प्रभावों का शिकार होते हैं वे पैसिव स्मोकिंग के चलते ही परेशान होते हैं.
तंबाकू से होने वाली बीमारियों में सबसे ज्यादा कैंसर के मामले सामने आते है. ओरल कैंसर का तो सबसे बड़ा कारण ही तंबाकू के उत्पाद हैं. वहीं लंग कैंसर, खाने की नली का कैंसर, पेट का कैंसर, ब्लड कैंसर के मामलों में भी तंबाकू उत्पाद की भागीदारी काफी ज्यादा है. इनके अलावा बहुत सारे मरीजों में तंबाकू की वजह से दमा, सीओपीडी, अंधापन, कोरोनरी हार्ट डिसीज, गैंग्रीन जैसी बीमारियां भी तंबाकू के चलते ही देखी जाती हैं. तंबाकू से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी है, वैसे तो इससे दूर रहना ही सबसे अच्छा उपया है लेकिन जो इसकी लत में आ चुके हैं उनके लिए निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी एक अच्छा विकल्प है. तंबाकू को लेकर हर किसी के अपने ट्रिगर पाइंट होते हैं, जिससे धूम्रपान की इच्छा होती है. ऐसे में जो भी सिगरेट या तंबाकू खाने की आदत छोड़ना चाहते हैं, तो उनके लिए बेहतर यही है कि वे इन ट्रिगर्स से बचकर रहें. जिन्हें तंबाकू छोड़नी हो उन्हें अपने आहार में अधिक सब्जिया और फलों को शामिल करना चाहिए ताकि निकोटिन की जरुरत इनके चलते कम महसूस हो. तंबाकू की आदत छोड़ने के लिए शारीरिक गतिविधियों में व्यस्त रहना और अपनी आदत को मजबूती से छोड़ने के लिए अपने ध्यान को तंबाकू उत्पाद से हटाने की कोशिश भी कारगर होती है और कुछ ही समय तक यदि इससे ध्यान सफलता से हटा दिया जाए तो बाद में लत छोड़ना आसान होता है. अगर आप धूम्रपान छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, तो अपने करीबियों को भी इस काम में मदद करने के लिए कहें.