May 4, 2025
Wellness

Heart सुने भी और समझें भी दिल की बात

दिल अक्सर देता है गड़बड़ी के संकेत
हृदय हमारे शरीर में सबसे अहम किरदार निभाता है. मनुष्य को जिंदा रहने के लिए इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है. हालांकि जितनी जटिल इसकी कार्यप्रणाली होती है, उतनी ही जटिल इसकी संरचना और उतने ही जटिल इससे संबंधित रोग होते हैं. हृदय में रक्त के पूर्वप्रवाह (बैकफ्लो) को रोकने के लिए वाल्व मौजूद होते हैं, जिनमें कई बार दिक्कतें खड़ी हो जाती है. इस विकार के कारण व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं. इनके लक्षणों को समय पर पहचान लेना चाहिए.

हृदय वाल्व रोगों को उनके द्वारा उत्पन्न समस्याओं के प्रकार के आधार पर अलग-अलग वर्गों में बांटा जाता है. जब वॉल्व के फ्लैप्स मोटे हो जाते हैं, तो वे पूरी तरह से खुल नहीं पाते और उस रास्ते को छोटा कर देते हैं. इस स्थिति को वाल्युलर स्टेनोसिस कहा जाता है. जब वाल्य पूरी तरह से बंद नहीं हो पाते, तो यह स्थिति वाल्युलर इनएफिशिएंसी कहलाती है. इसके अलावा वाल्वुलर एट्रेशिया आमतौर पर जन्मजात या जन्म दोष होता है और इसका मुख्य कारण जन्म से पहले हृदय का पूरी तरह से निर्माण नहीं होना होता है. हृदय वॉल्व रोग के निदान या पुष्टि करने के लिए जो भी जांच डॉक्टर कहें वो तुरंत करा लेना ही बेहतर है. आमतौर पर इसे समझने के लिए स्ट्रेस इकोकार्डियोग्राम, छाती का एक्स-रे, एंजियोग्राम, ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) और मैग्नेटिक रिजनेंस इमेजिंग (एमआरआइ) जैसी जांचों का सहारा लिया जाता है. हृदय वाल्व रोगों का उपचार वात्य में मौजूद समस्या के सटीक कारण, गंभीरता, स्थान व प्रकार पर निर्भर करता है.