Obesity से बचना है तो समय रहते संभलना जरुरी
क्यों जरुरी है समय रहते मोटापे पर काबू करना
मोटापे पर यदि समय रहते काबू न किया जाए तो यह एक गंभीर समस्या बन सकता है और यह तो हमें पता ही है कि मोटापा कई तरह की बीमारियों का कारण भी बन सकता है. मोटापे के इलाज के लिए दवाएं, व्यायाम और आहार परिवर्तन जैसे कई उपाय हैं जो यदि समय रहते किए जाएं तो काफी कारगर हो सकते हैं. हालांकि कई बार ध्यान न दिए जाने के चलते मोटापा इतना ज्यादा हो जाता है कि फिर ये उपाय ज्यादा कारगर नहीं रह जाते यानी इनसे भी पर्याप्त वजन कम नहीं हो पाता है. मोटापे की एक बड़ी वजह यह मानी जाती है कि पहले की अपेक्षा अब खानपान में काफी बदलाव हो गया है. जंक फूड खाने, देर रात को खाने, व्यायाम नहीं करने के कारण लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं.
इससे बचाव के लिए डॉक्टर यही सलाह देते हैं कि हमें नियमित व्यायाम तो करना ही चाहिए साथ ही हमं अपने खाने पीने की आदत पर ध्यान देना चाहिए और जहां तक संभव हो पौष्टिक आहार को ही अपने खाने में शामिल करना चाहिए, हालांकि शौकिया जंक फूड खा लेने में भी दिक्कत नहीं है लेकिन तब भी हमें इसे बहुत सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए.
खाने-पीने के असंतुलन के चलते अब छोटे बच्चों तक में मोटापे के लक्षण तेजी से बढ़ रहे हैं और युवाओं में भी मोटापे को लेकर शिकायतें बढ़ रही हैं. किंतु खाने में परहेज हर रोज शारीरिक व्यायाम से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है. यदि फिर भी मोटापा नियंत्रण से बाहर हो जाए, तो बेरिएट्रिक सर्जरी भी इसका एक समाधान हो सकता है. बेरिएट्रिक सर्जरी बिना किसी चीर-फाड़ के लेप्रोस्कोपी के माध्यम से दूरबीन पद्धति से की जाती है, जिसमें खाने की थैली का आकार कम कर दिया जाता है. इस सर्जरी से छह से आठ माह में 40 किलोग्राम तक वजन या अतिरिक्त भार का अस्सी प्रतिशत तक कम हो सकता है. सामान्यतः बीएमआइ (बॉडी मास इंडेक्स) 35 या उससे ज्यादा हो जाने पर ही बेरिएट्रिक सर्जरी को विकल्प बतौर चुनने की सलाह दी जाती है. हालांकि जब डॉक्टर को लगे कि मधुमेह या ऐसी ही कोई अन्य समस्या के चलते मरीज की जरुरत है तो बीएमआई के 32 होने पर भी सर्जरी की सलाह दी जा सकती है..