May 4, 2025
Health Economics

Lung Cancer भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं इसके मामले

लंग कैंसर की रोकथाम के क्या हो सकते हैं उपाय
कैंसर में से कुछ तो अब असानी से ईलाज से ठीक हो जाते हैं लेकिन लंग कैंसर को लेकर अब भी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं. इसे एक जानलेवा बीमारी माना जाता है. भले ही आज इसका इलाज पहले की तुलना में काफी आसान हो गया है, लेकिन आज भी हर साल लाखों लोगों की मौत की वजह कैंसर है. पिछले कुछ सालों में लंग कैंसर के मामले बहुत बढ़े हैं. एक शोध के अनुसार पिछले 10 साल की तुलना में अब भारत में लंग कैंसर के मामले सात गुना तक बढ़ने का अनुमान हैं. इस कैंसर से पीडित करीब 45 प्रतिशत मरीजों को इसके बारे में तब पता चलता है, जब कैंसर शरीर के बाकी हिस्सों तक पहुंच चुका होता है. यदि इसके लक्षणों को पहचान कर शुरुआत से ही इसका उपचार किया जाए तो स्वास्थ्य लाभ पाया जा सकता है. फेफड़ों के कैंसर से बचना है तो जरूरी है कि न तो खुद धूमपान करें और न ही दूसरों को करने दें.

जो नियमित रूप से धूमपान करते हैं और जिनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है, वे डॉक्टरी सलाह से जांच कराते रहें. बात अगर लंग कैंसर के लक्षणों की करें तो लंबे वक्त से चल रही खांसी, खांसी में खून आना, सांस फूलना, छाती में दर्द, गला बैठना, अकारण वजन कम होना, हड्डियों में दर्द और सिरदर्द होना प्रमुख है. इस कैंसर के 90 प्रतिशत मामले धूम्रपान के कारण सामने आते हैं. फेफड़ों के कैंसर को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, लेकिन धूमपान बंद कर, कार्सिनोजेनिक पदाथों, पैसिव स्मोकिंग से बचाव, फल और सब्जियों का अधिक सेवन कर और नियमित व्यायाम करके स्वस्थ रहा जा सकता है.